दूर कर लें स्मार्टफोन्स के बारे
में यह जानकारी
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लैपटॉप
हो या कंप्यूटर, हर तकनीक के बारे में लोग कुछ मिथकों को मानने
लगते हैं। ऐसा ही स्मार्टफोन्स के साथ भी है। स्मार्टफोन्स के बारे में भी कुछ ऐसे
मिथक गढ़े गए हैं, जिनके बारे में जानना हमारे लिए जरूरी है।
ज्यादा मेगापिक्सल मतलब अच्छा फोटो
फोन
के कैमरे की फोटो क्वालिटी को लोग अकसर मेगापिक्सल से ही मापते हैं। लेकिन यह
बेहतर फोटो की गारंटी नहीं है। ज्यादा मेगापिक्सल से सिर्फ फोटो का बड़ा प्रिंट
निकालने में मदद मिलती है। लेकिन यदि आप अच्छी तस्वीरें लेना चाहते हैं तो इसके
लिए सेंसर और अपेर्चर साइज मेगापिक्सल से ज्यादा मायने रखता है।
मैग्नेट टच होने से मिटता है डेटा
स्मार्टफोन
में यूज की जाने वाली फ्लैश स्टोरेज सॉलिड स्टेट ड्राइव टाइप होती है। इसलिए इस पर
मैग्नेट का कोई प्रभाव नहीं होता है।
ब्राइटनेस, लाइव वॉलपेपर से किल
होती है बैटरी
फोन
में लाइव वॉलपेपर लगाने, ब्लूटूथ ऑन रखने और ऑटोमेटिक ब्राइटनेस
से बैटरी पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ता। इससे बैटरी का खर्च बढ़ता है, लेकिन महज दो फीसदी।
इस वजह से जल्दी ठप होता है फोन
फोन
की बैटरी जल्दी ठप होती है, अगर कुछ ऐप सही से स्टार्ट नहीं होते।
या फिर बैकग्राउंड प्रोसेसिंग सही नहीं होती। इसके अलावा हर समय वाई-फाई ऑन रखने
से भी बैटरी की खपत ज्यादा होती है। मतलब फोन में फंक्शनिंग जितनी अधिक होगी, बैटरी भी उतनी ही खर्च होगी। बैटरी के
साइज और क्षमता का इस पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है।
ज्यादा चलती है बड़ी बैटरी
अकसर
लोग मानते हैं कि बड़ी बैटरी की परफॉर्मेंस ज्यादा बेहतर होती है। लेकिन, ऐसा नहीं है बैटरी की परफॉर्मेंस
प्रोसेसर और ऐप्स पर भी डिपेंड करती है। जैसे क्वाड कोर क्वालकॉम के मुकाबले ऑक्टा
कोर प्रोसेसर के साथ बैटरी की परफॉर्मेंस ज्यादा बेहतर होती है।
By SHEKHAR JI
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