Sunday, August 21, 2016

अनचाहे बालों को शरीर पर से खत्म कीजिये ।

अनचाहे बालों को शरीर पर से खत्म कीजिये, बिना वैक्स और शेव किये।



पहला प्रयोग
सबसे पहले आप बाज़ार से टनाका पावडर और कुसुम्बा आयल ले आयें और टनाका पावडर में इतना कुसुम्बा आयल मिलाएं की यह एक क्रीम की तरह बन जाये . अब इसे अच्छे से घोंट कर कुछ देर के लिये रख दे लगभग एक घंटे बाद इसमें कुछ और कुसुम्बा आयल डालने की जरुरत और हो सकती है क्योंकि पाउडर आयल को सोख लेगा कुछ कुसुम्बा आयल और मिलाकर इसे हल्का सा और घोट ले अब यह क्रीम तैयार है लगाने के लिये. ( इसका टेक्सचर किसी कोल्ड क्रीम की तरह रखना है बहुत गाढ़ा पेस्ट जैसा नहीं बनाना है .फिर शरीर के जिस अंग पर इस क्रीम को लगाना हो वहा के अनचाहे बाल पहले हटा दे चाहे रेज़र द्वारा या किसी भी हेयर रिमूवर द्वारा जो भी आप प्रयोग करते हो. अब टनाका पावडर और कुसुम्बा आयल द्वारा बनायीं क्रीम को उस स्थान पर लगाकर हलके हाथों से मसाज करें ..और एक से दो घंटे के लिए छोड़ दे ..चाहे तो रात
भर के लिए छोड़ दे बाद में इसे गुनगुने पानी से धो ले या किसी कपडे से पोछ लें. इस प्रोसेस को आप सप्ताह चार से पांच दिन तक अधिकतम तीन महीने तक करना है ..अधिकांश लोगों के बाल 5 सप्ताह में रिमूव हो जाते है जिनके बाल अधिक घने और मोटे है उन्हें अधिक समय लगेगा, महिलाओं के बाल जल्दी रिमूव हो जाएंगे .. बाल धीरे धीरे पतले हलके रंग के होते जाएंगे और हमेशा के लिए चले जाएंगे इस प्रयोग को चेहरे सहित शरीर के किसी भी अंग के बाल हटाने के लिए प्रयोग कर सकते है कोई साइड इफेक्ट नहीं है .
* टनाका पावडर बाजार में तीन प्रकार का मिलता है, ग्रेड A, B और C …हेयर रिमूवल के लिए ग्रेड A का प्रयोग करना है
इस पाउडर को बड़े शापिंग स्टोर से लिया जा सकता है ऑनलाइन शोपिंग साईट पर भी आसानी से मिलता है . ये माल में भी उपलब्ध है .कुसुम्बा आयल आयुर्वेदिक दवा की दुकानों पर आसानी से मिल जायेगा .

दूसरा प्रयोग
एक चम्मच हल्दी पाउडर, चना दाल पाउडर दोनों को पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अनचाहे बालों पर लगाएं।
सुखने के बाद रगड़ कर निकाल लें। नियमित रूप से यह काम करने से धीरे-धीरे अनचाहे बाल खत्म हो जाते हैं।
चेहरे पर बाल विशेष रूप से ऊपरी होठों के बाल ये बहुत शर्मनाक हो सकते हैं। प्रति दिन बहुत-सी महिलाएं अनचाहे बालों से छुटकारा पाने के लिए उस मायावी विधि की खोज करती हैं लेकिन वर्तमान में वह सभी तरीके दुष्प्रभाविक और दर्दनाक होते हैं।
तो अगर आप उन कष्टप्रद बालों से छुटकारा पाना चाहते हैं यह रहा एक प्राकृतिक और पीड़ारहित उपाय कुप्पामेनि के पत्ते।
कुप्पामेनि (Kuppaimeni) पत्ते जो इंडियन नेट्ल के नाम से भी जाने जाते हैं जो निजात पाने के लिए एक शानदार उपाय हैं। इसकी पत्तियां कृमिनाशक, पीड़ा-नाशक, रोगाणुरोधी हैं और साथ ही इनमें घाव को भरने के गुण हैं। यह अवांछित बालों के लिए सबसे सही उपाय हैं और इनमें त्वचा में व्याप्त होने वाले गुण हैं जो बालों को पतला करके, उनके झड़ने का कारण बन जाते हैं। अंततः यह चेहरे पर बाल बढ़ने से रोकते हैं और ऊपरी होंठ को बाल-मुक्त कर देते हैं।
कुछ कुप्पामेनि की पत्तियों को धोकर पीस लें। एक चमच्च ताज़ी हल्दी (कस्तूरी मंजल) इसमें मिलाएं। इस मिश्रण को अच्छी तरह मिलाकर उस जगह लगाएं जहाँ आप बालों से छुटकारा पाना चाहते हैं। कुछ घंटों के लिए छोड़ दें और फिर पानी से धो लें। इसको लगाने का सबसे अच्छा वक्त रात को है। सोने से पहले लगाकर अगली सुबह धो लें। याद रखें, इस उपाय का असर होने के लिए कुछ समय जरुर लगता है इसलिए इस मिश्रण को रोज़ाना लगाते रहें। यह पौधा आसानी से मिल जाता है और इसकी ज़्यादा देखभाल भी नहीं करनी पड़ती है। आज-कल बहुत से हर्बल विक्रेता हैं जो इस पौधे को आपके घर तक वितरित कर सकते हैं। अगर आपको ताज़े पत्ते नहीं मिलते तो, इसका पाउडर प्राकृतिक चिकित्सा भंडार में आसानी से मिल जाता है।

और कुछ प्रयोग :- प्यूमिक स्टोन का उपयोग करें :-
यह (एक तरह का पत्थर जो बाजार में आसानी से मिल जाता है) प्यूमिक स्टोन नहाने से पहले अनचाहे बालों पर रगड़ें। धीरे - धीरे अनचाहे बाल खत्म हो जाएंगे।

शहद और नींबू का मिश्रण उपयोग करें:-
शहद, नींबू और चीनी का मिश्रण तैयार करें। इस मिश्रण को गर्म करके हाथ व पैरों पर लगाएं। कॉटन की पट्टियों को इस मिश्रण पर चिपका कर निकालें। अनचाहे बाल हट जाएंगे।
इस तरह भी लगा सकते हैं:-
चीनी और नींबू का रस मिलाकर लगाएं। इस मिश्रण को लगाकर धीरे-धीरे हेयर ग्रोथ की डायरेक्शन में मसाज करें। पंद्रह मिनट लगाकर रहने दें। फिर चेहरा धो लें। इस नुस्खे को नियमित रूप से अपनाएं। अनचाहे बाल खत्म हो जाएंगे।

बेसन और दही लगाएं:-
बेसन में दही मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अनचाहे बालों पर लगाएं। कुछ देर बाद रगड़ कर निकाल दें, उसके बाद चेहरा धो लें। रोज ऐसा करने से अनचाहे बाल धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे।

एक आयुर्वेदिक तरीका:-
ऐसे में कुछ प्राकृतिक उपाय हैं जिससे चेहरे के अनचाहे बाल भी कम होते हैं, त्वचा का ग्लो भी बरकरार रहता है और जेब भी ढीली नहीं होती है।

हल्दी:- दक्षिण भारत के कई हिस्सों में महिलाएं चेहरे पर हल्दी का लेप लगाती हैं। इससे चेहरे पर बाल नहीं होते और त्वचा की रंगत निखरती है। साथ ही, यह बेहतरीन एंटीसेप्टिक भी है। रोज पांच से दस मिनट हल्दी का लेप लगाएं।

बेसन:- बेसन को अगर फेसपैक की तरह चेहरे पर रोज लगाएंगे तो भी त्वचा चिकनी रहेगी और बाल कम होंगे। बेसन में एक चुटकी हल्दी और पानी मिलाकर लगाएं और पैक सूखने पर हल्का गर्म पानी से साफ करें।

शुगर वैक्स:- अगर चेहरे पर बाल अधिक हो रहे हों तो घर पर ही इसकी वैक्सिंग करें, वो भी प्राकृतिक वैक्स से। शक्कर को पिघलाकर इसमें शहद और नींबू का रस मिलाएं और पेस्ट तैयार कर लें। पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और वैक्स की तरह साफ करें।
अंडे का मास्क:- अंडे का मास्क को भी आप वैक्स की तरा इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे फेंटकर चेहरे पर लगाएं और थोड़ी देर छोड़ दें और फिर इसे गीले कपड़े से साफ करें।

साधारण शंख का चूरा 20 ग्राम + बर्किया हरताल 10 ग्राम + मैंसिल 10 ग्राम इन तीनों को पानी में पीस कर लेप बना लीजिए और चमत्कार देखिए कि जिस अंग पर सात दिन लगातार नियमित कुछ घंटे तक लगा लिया तो उस स्थान पर जीवन भर बाल नहीं उगेंगे ।
छोंकर (इसे शमी या श्योनाक भी कहते हैं यह बड़ा पेड़ होता है) के फलों को जो कि लम्बी फलियों के रूप में होते हैं, इन्हें बारीक पीस कर जिस जगह बाल नहीं चाहिये वहां एक बार हजामत करके लेप कर दें; तीन दिनों में आपकी इच्छा पूरी हो जाएगी ।

साँप के काटने का इलाज जरूर पढ़ें !

साँप के काटने का इलाज जरूर पढ़ें, पता नहीं कब आपके काम आ जाए !


दोस्तो सबसे पहले साँपो के बारे मे एक महत्वपूर्ण बात आप ये जान लीजिये ! कि अपने देश भारत मे 550 किस्म के साँप है ! जैसे एक Cobra है ,Viper ,Karit है ! ऐसी 550 किस्म की साँपो की जातियाँ हैं ! इनमे से मुश्किल से 10 साँप है जो जहरीले है सिर्फ 10 ! बाकी सब Non-Poisonous है! इसका मतलब ये हुआ 540 साँप ऐसे है जिनके काटने से आपको कुछ नहीं होगा !! बिलकुल चिंता मत करिए !

लेकिन साँप के काटने का डर इतना है (हाय साँप ने काट लिया ) और कि कई बार आदमी Heart Attack से मर जाता है ! जहर से नहीं मरता Cardiac Arrest से मर जाता है ! तो डर इतना है मन मे ! तो ये डर निकलना चाहिए !

वो डर कैसे निकलेगा ????

जब आपको ये पता होगा कि 550 तरह के साँप है उनमे से सिर्फ 10 साँप जहरीले हैं ! जिनके काटने से कोई मरता है ! इनमे से जो सबसे जहरीला साँप है उसका नाम है !

Russell Viper ! उसके बाद है Karit इसके बाद है Viper और एक है Cobra ! King Cobra जिसको आप कहते है काला नाग !! ये 4 तो बहुत ही खतरनाक और जहरीले है इनमे से किसी ने काट लिया तो 99% Chances है कि Death होगी !

लेकिन अगर आप थोड़ी होशियारी दिखाये तो आप रोगी को बचा सकते हैं

होशियारी क्या दिखनी है ???

आपने देखा होगा साँप जब भी काटता है तो उसके दो दाँत है जिनमे जहर है जो शरीर के मास के अंदर घुस जाते हैं ! और खून मे वो अपना जहर छोड़ देता है ! तो फिर ये जहर ऊपर की तरफ जाता है ! मान लीजिये हाथ पर साँप ने काट लिया तो फिर जहर दिल की तरफ जाएगा उसके बाद पूरे शरीर मे पहुंचेगा ! ऐसे ही अगर पैर पर काट लिया तो फिर ऊपर की और Heart तक जाएगा और फिर पूरे शरीर मे पहुंचेगा ! कहीं भी काटेगा तो दिल तक जाएगा ! और पूरे मे खून मे पूरे शरीर मे उसे पहुँचने मे 3 घंटे लगेंगे !

मतलब ये है कि रोगी 3 घंटे तक तो नहीं ही मरेगा ! जब पूरे दिमाग के एक एक हिस्से मे बाकी सब जगह पर जहर पहुँच जाएगा तभी उसकी Death होगी Otherwise नहीं होगी ! तो 3 घंटे का Time है रोगी को बचाने का और उस तीन घंटे मे अगर आप कुछ कर ले तो बहुत अच्छा है !

क्या कर सकते हैं ?????

एक Medicine आप चाहें तो हमेशा अपने घर मे रख सकते हैं बहुत सस्ती है Homeopathy मे आती है ! उसका नाम है NAJA (N A J A ) ! Homeopathy Medicine है किसी भी Homeopathy Shop मे आपको मिल जाएगी ! और इसकी Potency है 200 ! आप दुकान पर जाकर कहें NAJA 200 देदो ! तो दुकानदार आपको दे देगा ! ये 5 मिलीलीटर आप घर मे खरीद कर रख लीजिएगा तो 100 लोगो की जान इससे बच जाएगी ! और इसकी कीमत सिर्फ 50 रुपए है ! इसकी बोतल भी आती है 100 मिलीग्राम की 150 से 200 रुपए की उससे आप कम से कम 10000 लोगो की जान बचा सकते हैं जिनको साँप ने काटा है !

और ये जो Medicine है NAJA ये दुनिया के सबसे खतरनाक साँप का ही Poison है जिसको कहते है क्रैक ! इस साँप का Poison दुनिया मे सबसे खराब माना जाता है ! इसके बारे मे कहते है अगर इसने किसी को काटा तो उसे भगवान ही बचा सकता है ! Medicine भी वहाँ काम नहीं करती उसी का ये Poison है लेकिन Delusion Form मे है तो घबराने की कोई बात नहीं ! आयुर्वेद का सिद्धांत आप जानते है लोहा लोहे को काटता है तो जब जहर चला जाता है शरीर के अंदर तो दूसरे साँप का जहर ही काम आता है !

तो ये NAJA 200 आप घर मे रख लीजिये ! अब देनी कैसे है रोगी को वो आप जान लीजिये !

1 बूंद उसकी जीभ पर रखे और 10 मिनट बाद फिर 1 बूंद रखे और फिर 10 मिनट बाद 1 बूंद रखे !! 3 बार डाल के छोड़ दीजिये ! बस इतना काफी है ! और कि ये दवा रोगी की जिंदगी को हमेशा हमेशा के लिए बचा लेगी ! और साँप काटने के एलोपेथी मे जो Injection है वो आम अस्तप्तालों मे नहीं मिल पाते ! डाक्टर आपको कहेगा इस अस्तपाताल मे ले जाओ उसमे ले जाओ आदि आदि !! और जो ये एलोपेथी वालो के पास Injection है इसकी कीमत 10 से 15 हजार रुपए है ! और अगर मिल जाएँ तो डाक्टर एक साथ 8 से -10 Injection ठोक देता है ! कभी कभी 15 तक ठोक देता है मतलब लाख-डेड लाख तो आपका एक बार मे साफ !! और यहाँ सिर्फ 10 रुपए की Medicine से आप उसकी जान बचा सकते हैं ! और Injection जितना Effective है मैं इस दवा(NAJA) की गारंटी लेता हूँ ये दवा एलोपेथी के Injection से 100 गुना (Times) ज्यादा Effective है !
तो अंत आप याद रखिए घर मे किसी को साँप काटे और अगर दवा(NAJA) घर मे न हो ! फटाफट कहीं से Injection लेकर First Aid (प्राथमिक सहायता) के लिए आप Injection वाला उपाय शुरू करे ! और अगर दवा है तो फटाफट पहले दवा पिला दे और उधर से Injection वाला उपचार भी करते रहे !

दवा Injection वाले उपचार से ज्यादा जरूरी है !!
तो ये जानकारी आप हमेशा याद रखे पता नहीं कब काम आ जाए हो सकता है आपके ही जीवन मे काम आ जाए ! या पड़ोसी के जीवन मे या किसी रिश्तेदार के काम आ जाए! तो First Aid के लिए Injection की सुई काटने वाला तरीका और ये NAJA 200 Homeopathy दवा ! 10 – 10 मिनट बाद 1 – 1 बूंद तीन बार रोगी की जान बचा सकती है !!

पुत्र या पुत्री प्राप्ति के लिए हेतु मनचाहा फल।

पुत्र या पुत्री प्राप्ति के लिए हेतु मनचाहा फल। महत्वपूर्ण नियम

हमारे पुराने आयुर्वेद ग्रंथों में पुत्र-पुत्री प्राप्ति हेतु दिन-रात, शुक्ल-पक्ष, कृष्ण-पक्ष तथा माहवारी के दिन से सोलहवें दिन तक का महत्व बताया गया है। धर्म ग्रंथों में भी इस बारे में जानकारी मिलती है।
यदि आप पुत्र या पुत्री प्राप्त करना चाहते हैं और वह भी गुणवान, तो हम यहाँ माहवारी (Periods) के बाद की विभिन्न रात्रियों की महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं। यह गणना पीरियड्स खत्म होने के बाद स्नान करने के बाद से शुरू होती है।

* पाँचवीं रात्रि के गर्भ से जन्मी कन्या भविष्य में सिर्फ लड़की पैदा करेगी।
* छठवीं रात्रि के गर्भ से मध्यम आयु वाला पुत्र जन्म लेगा।
* सातवीं रात्रि के गर्भ से पैदा होने वाली कन्या बांझ होगी।
* आठवीं रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र ऐश्वर्यशाली होता है।
* नौवीं रात्रि के गर्भ से ऐश्वर्यशालिनी पुत्री पैदा होती है।
* दसवीं रात्रि के गर्भ से चतुर पुत्र का जन्म होता है।
* ग्यारहवीं रात्रि के गर्भ से चरित्रहीन पुत्री पैदा होती है।
* बारहवीं रात्रि के गर्भ से पुरुषोत्तम पुत्र जन्म लेता है।
* तेरहवीं रात्रि के गर्म से वर्णसंकर पुत्री जन्म लेती है।
* चौदहवीं रात्रि के गर्भ से उत्तम पुत्र का जन्म होता है।
* पंद्रहवीं रात्रि के गर्भ से सौभाग्यवती पुत्री पैदा होती है।
* सोलहवीं रात्रि के गर्भ से सर्वगुण संपन्न, पुत्र पैदा होता है।

व्यास मुनि ने इन्हीं सूत्रों के आधार पर पर अम्बिका, अम्बालिका तथा दासी के नियोग(समागम) किया, जिससे धृतराष्ट्र, पाण्डु तथा विदुर का जन्म हुआ। महर्षि मनु तथा व्यास मुनि के उपरोक्त सूत्रों की पुष्टि स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपनी पुस्तक संस्कार विधिमें स्पष्ट रूप से कर दी है। प्राचीनकाल के महान चिकित्सक वाग्भट तथा भावमिश्र ने महर्षि मनु के उपरोक्त कथन की पुष्टि पूर्णरूप से की है।

* दो हजार वर्ष पूर्व के प्रसिद्ध चिकित्सक एवं सर्जन सुश्रुत ने अपनी पुस्तक सुश्रुत संहिता में स्पष्ट लिखा है कि मासिक स्राव के बाद 4, 6, 8, 10, 12, 14 एवं 16वीं रात्रि के गर्भाधान से पुत्र तथा 5, 7, 9, 11, 13 एवं 15वीं रात्रि के गर्भाधान से कन्या जन्म लेती है।

* 2500 वर्ष पूर्व लिखित चरक संहिता में लिखा हुआ है कि भगवान अत्रिकुमार के कथनानुसार स्त्री में रज की सबलता से पुत्री तथा पुरुष में वीर्य की सबलता से पुत्र पैदा होता है।

* प्राचीन संस्कृत पुस्तक सर्वोदयमें लिखा है कि गर्भाधान के समय स्त्री का दाहिना श्वास चले तो पुत्री तथा बायां श्वास चले तो पुत्र होगा।

* यूनान के प्रसिद्ध चिकित्सक तथा महान दार्शनिक अरस्तु का कथन है कि पुरुष और स्त्री दोनों के दाहिने अंडकोष से लड़का तथा बाएं से लड़की का जन्म होता है।

* चन्द्रावती ऋषि का कथन है कि लड़का-लड़की का जन्म गर्भाधान के समय स्त्री-पुरुष के दायां-बायां श्वास क्रिया, पिंगला-तूड़ा नाड़ी, सूर्यस्वर तथा चन्द्रस्वर की स्थिति पर निर्भर करता है।